धुंआ-रहित तंबाकू क्या है?

धुंआ-रहित तंबाकू के दो मुख्य प्रकार होते हैं: चबाने वाली तंबाकू और स्नूस।

चबाने वाली तंबाकू प्रायः पत्तियों या तंबाकू की बट्टी के रूप में आती है, जिसे कि आप अपने गालों के अंदर रखते और चबाते हैं। तंबाकू को चबाने से स्वाद और निकोटीन का स्राव होता है और इसके कारण आपका मुंह ढेर सारा थूक बनाता है। तंबाकू का सेवन करने वाले लोग आखिर में इसे बाहर थूक देते हैं। स्नूस एक ऐसी तंबाकू है जो कि गीले पाउडर के रूप में आती है, या इसे छोटी-छोटी पुड़िया में पैक किया जाता है और आप इसे अपने निचले होंठ के भीतरी हिस्से में रखते हैं।

दोनों ही प्रकार की धुंआरहित तंबाकू बहुत व्यसनकारी होती है और इसके कारण स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

धुंआरहित तंबाकू के घटकों में तंबाकू-निकोटीन, चीनी, नमक, चूना, मसाले और स्वादों का मिश्रण होता है। आपके द्वारा उनका सेवन किये जाने पर वे सैकड़ों रसायनों और जहरों का स्राव कर सकते हैं।

इन रसायनों में कैंसर उत्पन्न करने वाले बहुत से कारक (इन्हें ‘कैंसरकारी तत्व' कहा जाता है) पाये जाते हैं।

क्या धुंआरहित तंबाकू चबाये जाने वाले दूसरे उत्पादों का हिस्सा हो सकती है?

हां। धुंआरहित तंबाकू को तमाम विभिन्न नामों के द्वारा जाना जाता है, जैसे किः

  • पान मसाला (गुटखा)
  • स्नफ
  • नास, नसवत, निसवार
  • स्नूस
  • जर्दा
  • चौ
  • सुपाड़ी
  • इकमिक
  • खैनी
  • अरिवा
  • मावा
  • शम्माह
  • मिश्री, मोशेरी या मिशेरी
  • तूम्बक
  • किवाम या किमा
  • चिमा।

सुपाड़ी, राख और चूना इन मिश्रणों में उपयोग में लाये जाने वाले कुछ मुख्य घटक हैं।

धुंआरहित तंबाकू का उपयोग मुख्य रूप से दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य-पूर्व और पूर्वी अफ्रीका के लोगों द्वारा मुख्य रूप से किया जाता है।

इसका सेवन करने वाले लोग हमेशा ‘धुंआरहित तंबाकू' के बारे में नहीं जानते हैं या इस शब्दावली का उपयोग नहीं करते हैं, इसलिए अक्सर उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता कि उत्पाद तंबाकू-युक्त हैं। अगर आप आश्वस्त नहीं हैं तो उस तरह के नामों और घटकों के लिए पैकेट के ऊपर देखें, जिनका उल्लेख हम ऊपर कर आये हैं।

क्या धुंआरहित तंबाकू मुंह के कैंसर से जुड़ी होती है?

हां। मुंह का कैंसर धुंआरहित तंबाकू से जुड़ा स्वास्थ्य का सर्वाधिक गंभीर जोखिम है। ऐसा इसलिए है कि इसमें कैंसर उत्पन्न करने वाले रसायन भारी मात्रा में पाये जाते हैं। समय के साथ, इन विषों का आपके मुंह में स्राव होते रहने से आप में मुंह का कैंसर होने के आसार चार गुना अधिक हो सकते हैं।

धुंआरहित तंबाकू में उपयोग में लाया जाने वाला एक सर्वाधिक खतरनाक और लोकप्रिय घटक सुपाड़ी है। इसका उपयोग ‘पान के बीड़े' में किया जाता है, जो कि पान के पत्ते, सुपाड़ी और चूने से मिलकर बना होता है। अनुसंधान से पता चला है कि नियमित रूप से सुपाड़ी चबाने वाले लोगों को मुंह, ग्रसनी (गले), ग्रास नली (भोजन-नली), पेट और अग्न्याशय के कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है।

धुंआरहित तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को विशेष रूप से गले का कैंसर होने की आशंका रहती है, क्योंकि वे नियमित रूप से तंबाकू के रस को निगलते रहते हैं। होंठ और गाल के कैंसर भी आम हैं, क्योंकि तंबाकू मुंह की कतार के अंतर दबाई जाती है।

मुंह का कैंसर निम्नलिखित रूप में प्रकट हो सकता हैः

  • मुंह के ऐसे दर्द-रहित छाले के रूप में, जिसका घाव समुचित रूप से नहीं भरता है
  • मुंह में सफेद या लाल चकत्ता
    या
  • असामान्य गांठें या सूजन।

अगर आप धुंआ-रहित तंबाकू का सेवन करते हैं तो यह जरूरी है कि आप अपनी दंत टीम के पास नियमित रूप से जाएं। ऐसा इसलिए है कि आपके परीक्षण के हिस्से के तौर पर आपके पूरे मुंह का परीक्षण किया जाएगा और दंत चिकित्सकों की टीम इनमें से किन्हीं लक्षणों की पहचान करेगी।

धुंआ-रहित तंबाकू किस प्रकार से मेरे समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है?

धुंआ-रहित तंबाकू आपके समग्र स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। निकोटीन के कारण आपका शरीर अधिक कॉलेस्ट्रॉल बनाता है और इसके फलस्वरूप आपको हृदय रोग होने और आघात लगने की आशंका बढ़ जाती है।
चूंकि तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को मसूड़े की बीमारी होने के आसार अधिक होते हैं, इसलिए उन्हें स्वास्थ्य की निम्नलिखित दूसरी समस्याओं के होने के आसार भी अधिक होते हैं:

  • टाइप-2 मधुमेह
  • समय-पूर्व जन्म
  • मनोभ्रंश
    और
  • सांसों (फेफड़े) की बीमारी।

मुंह का कैंसर उत्पन्न करने के साथ-साथ धुंआ-रहित तंबाकू अग्न्याशय के कैंसर का जोखिम भी बढ़ा सकता है।

क्या धुंआ-रहित तंबाकू सिगरेट के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है?

नहीं, यह नहीं है। हालांकि इसका सेवन करने वाले बहुत से लोगों को अभी भी लगता है कि धुंआ-रहित तंबाकू उतनी नुकसानदेह नहीं होती जितना कि नियमित सिगरेट होते हैं, लेकिन यह सच नहीं है।

सिगरेटों की तरह ही धुंआ-रहित तंबाकू आपके मुंह के स्वास्थ्य और आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर जोखिम है। दोनों में ही निकोटीन शामिल होता है, जो कि बहुत ही व्यसनकारी मादक द्रव्य होता है। दरअसल, औसत सिगरेट के मुकाबले धुंआ-रहित तंबाकू में दुगुनी मात्रा में निकोटीन होता है। यह रक्त वाहिकाओं को सख्त बनाकर और रक्तचाप को बढ़ाकर हृदय के लिए समस्याएं उत्पन्न करता है।

चबाने वाली तंबाकू का एक पीपा आपके शरीर में इतनी मात्रा में निकोटीन का स्राव कर सकता है, जितना कि 60 सिगरेट करते हैं।

धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ने से स्वास्थ्य को कौन-कौन से लाभ होते हैं?

धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ने से स्वास्थ्य को अनेक लाभ हो सकते हैं। अल्पकालिक लाभों में बढ़िया भूख और बढ़िया पाचन के साथ-साथ बेहतर दांत और मसूड़े शामिल हैं। दीर्घकालिक लाभों में हृदय रोग या मुंह के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के विकसित होने के कम आसार सम्मिलित हैं। धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ देने से हृदय-रोग से मरने का जोखिम भी काफी कम हो जाता है।

मैं धुंआ-रहित तंबाकू को किस प्रकार से छोड़ सकता हूँ?

धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ने के बहुत से तरीके हैं। सबसे पहले इसका पता लगाना जरूरी है कि आप इसका सेवन क्यों करते हैं।

  • हो सकता है कि आप तनाव और ऊब से पार पाने के लिए धुंआ-रहित तंबाकू का सेवन करते हों। तनाव से दूसरे तरीकों से निपटने से आपको इसकी मात्रा में कमी लाने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, आप चहलकदमी करने, संगीत सुनने, गहरी सांसों के व्यायाम करने, अन्य लोगों के साथ बातचीत करने या स्थानीय सामुदायिक केंद्रों में सामाजिक समूहों से जुड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
  • हो सकता है कि आप दांत और मसूड़े के दर्द से राहत पाने के लिए धुंआ-रहित तंबाकू का सेवन करते हों। अगर आप दांत या मसूड़े की समस्याओं से ग्रस्त हैं तो यह जरूरी है कि आप स्वयं से दर्द से निपटने की कोशिश करने की बजाय समुचित उपचार के लिए अपनी दंत टीम को दिखायें।
  • कुछ लोग धुंआ-रहित तंबाकू का सेवन इसलिए करते हैं कि उन्हें लगता है कि इससे भोजन के बाद पाचन में मदद मिलती है। अगर भोजन के उपरांत आपको पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता हो तो इसकी बजाय ढेर सारा पानी पीने से मदद मिल सकती है। अथवा आपका डॉक्टर परामर्श और उपचार प्रदान करने में समर्थ होगा।

अगर मैं धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ता हूँ तो मुझे कैसा महसूस होगा?

आपको ऐसा लगेगा कि इसे छोड़ना सिगरेट छोड़ने से भी अधिक मुश्किल है। ऐसा निकोटीन के ऊंचे स्तरों के कारण होता है, जो कि बहुत व्यसनकारी होता है।

जब आप तंबाकू का सेवन बंद करने की कोशिश करते हैं तो आपका शरीर फिर भी निकोटीन की मांग करता है इसलिए आपके अंदर ‘पलटाव के लक्षण' उत्पन्न हो सकते हैं। इन लक्षणों में सिरदर्द, थकान, मिजाज में परिवर्तन, तेजी से गुस्सा आना और ध्यान लगाने में मुश्किल शामिल हो सकती है।

अगर आपको लगता है कि आप धुंआ-रहित तंबाकू को नहीं छोड़ पा रहे हैं तो आप विशेषज्ञ से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह निकोटीन के पैचों या गम की तरह का निकोटीन पुनःस्थापन उपचार हो सकता है और आपको इसके असर से उबारने में सहायता मिल सकती है। धूम्रपान बंद कराने वाले स्थानीय केंद्र भी सहायता प्रदान कर सकते हैं।

क्या मेरी दंत टीम मदद कर सकती है?

आपकी दंत टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके दांत, मसूड़े और मुंह स्वस्थ है, नियमित रूप से परीक्षण करेगी। इसके अलावा वे दूसरी दशाओं के किन्हीं लक्षणों के लिए आपके गालों, जीभ और गले की भी जांच करेगी। धुंआ-रहित तंबाकू का सेवन करने से सफेद, लाल या सफेद और लाल चकत्ते पड़ सकते हैं और दंत्य परीक्षण के समय इन्हें देखा जा सकता है। दंत्य चिकित्सकों की आपकी टीम आपको ऐसे संगठनों और स्वयं सहायता समूहों के पास भेज सकती है, जिनके पास ऐसी नवीनतम जानकारी होगी, जिससे कि आपको धुंआ-रहित तंबाकू को छोड़ने में मदद मिल सके।

यह जरूरी है कि आप अपनी दंत टीम के पास नियमित रूप से सामान्य परीक्षण और मुंह की संपूर्ण जांच कराने जाएं, जिससे कि किसी दूसरी समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके।