मुंह का कैंसर किसे कहते हैं?

अधिकतर लोगों ने फेफड़े और छाती की तरह के शरीर के हिस्सों को प्रभावित करने वाले कैंसर के बारे में सुना होगा। लेकिन कैंसर मुंह में प्रकट हो सकता है, जहां पर यह बीमारी होठों, जीभ, गालों और गले को प्रभावित कर सकती है।

मुंह के कैंसर से कौन प्रभावित हो सकता है?

मुंह के कैंसर से कोई भी प्रभावित हो सकता है, फिर उसके मुंह में चाहे स्वयं के दांत हों या नहीं। 40 वर्ष से अधिक लोगों, खासकर पुरुषों में मुंह का कैंसर ज्यादा आम है। फिर भी, अनुसंधान दर्शाते हैं कि मुंह का कैंसर युवा रोगियों और महिलाओं में ज्यादा आम होता जा रहा है। विश्वभर में हर वर्ष मुंह के कैंसर के 640,000 से अधिक मामलों का पता चलता है और यह ग्यारहवां सबसे आम कैंसर है। अमेरिका में हर वर्ष तकरीबन 43,000 मामले सामने आते हैं। कुछ देशों, उदाहरण के लिए भारत, में तंबाकू चबाने जैसी समस्याओं के चलते जोखिम बढ़ा हुआ होता है और यह दर और भी अधिक है। ब्रिटेन में हर साल मुंह के कैंसर के कमोबेश 7,000 नये मामलों का निदान किया जाता है। मुंह के कैंसर के नये मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है और ब्रिटेन में अकेले पिछले दशक में ही आधे से अधिक की वृद्धि होई है।

क्या लोग मुंह के कैंसर से मरते हैं?

हां। ब्रिटेन में हर वर्ष तकरीबन 2,000 लोग मुंह के कैंसर से मरते हैं। कैंसर का अगर समय रहते निदान किया जा सके तो इनमें से अधिकतर मौतों को रोका जा सकता है। ग्रीवा कैंसर या मेलानोमा त्वचा कैंसर से ग्रस्त लोगों की तुलना में मुंह के कैंसर से ग्रस्त लोगों के मरने के आसार अधिक होते हैं।

किस वजह से मुंह का कैंसर हो सकता है?

मुंह के कैंसर के अधिकतर मामले तंबाकू और अल्कोहल से जुड़े होते हैं। विश्व के अनेक हिस्से में सिगरेट, सिगार और पाइप पीना तंबाकू के सेवन के मुख्य रूप होते हैं। फिर भी, कुछ संस्कृतियों में तंबाकू, पान का बीड़ा, गुटखा और पान चबाने की परंपरागत आदतें विशेष रूप से खतरनाक हैं।

अल्कोहल मुंह के कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है और अगर तंबाकू और अल्कोहल का सेवन एक साथ किया जाता है तो जोखिम और भी अधिक बढ़ जाता है।

धूप के बहुत अधिक संपर्क में रहने से भी होठों के कैंसर के जोखिम में वृद्धि हो सकती है।

बहुत सी हालिया रिपोर्टें मुंह के कैंसर को ह्युमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से जोड़ती हैं। एचपीवी ग्रीवा के कैंसर का मुख्य कारण है और यह उस त्वचा को प्रभावित करता है जो कि शरीर के नम हिस्सों में पड़ती है।

एचपीवी मुख मैथुन के जरिये फैल सकता है और अनुसंधान अब इस बात की ओर इंगित करते हैं कि एचपीवी शीघ्र ही मुंह के कैंसर के मुख्य कारणों धूम्रपान और मदिरापान को टक्कर दे सकता है।

सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने और यौन-साथियों की संख्या को सीमित रखने से आप एचपीवी के संक्रमण के अपने आसार को कम कर सकते हैं। बहुत से लोगों को अपने जीवन-काल के दौरान एचपीवी होता है और बहुत से लोगों को इससे कोई समस्या नहीं होती है।

अब लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए एचपीवी टीके उपलब्ध हैं। ग्रीवा के कैंसर से निपटने के लिए इन्हें विकसित किया गया था, लेकिन इस बात के आसार हैं कि उनसे मुंह के कैंसर की दरों में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। इन टीकों को यौनिक गतिविधि शुरू होने से पहले 12 से 13 वर्ष की उम्र में लगाया जाता है।

मुंह के कैंसर के क्या लक्षण हैं?

मुंह का कैंसर विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है और यह मुंह, जीभ और होंठों के सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। मुंह का कैंसर मुंह के ऐसे दर्दरहित छाले के रूप में प्रकट हो सकता है, जिसका घाव सामान्य रूप से नहीं भरता है। मुंह का सफेद या लाल चकत्ता भी विकसित होकर कैंसर बन सकता है। अपने मुंह या जबड़े की जगह की किन्हीं असामान्य गांठों और निरंतर बनी रहने वाली किसी कर्कशता को लेकर सजग रहें। अगर ये जगहें तीन सप्ताहों के अंदर नहीं भरती हैं तो अपनी दंत टीम या डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। अगर आप मालूम नहीं कि क्या करना चाहिए, तो जांच करवाने चले जाएं।

शुरुआती अवस्था में मुंह के कैंसर का पता कैसे लगाया जा सकता है?

मुंह के कैंसर का प्रायः आपकी दंत टीम द्वारा मुंह के संपूर्ण परीक्षण के दौरान उसकी शुरुआती अवस्थाओं में पता लगाया जा सकता है। मुंह के कैंसर का अगर प्रारंभिक अवस्था में निदान कर लिया जाता है तो रोग-मुक्ति के आसार काफी अधिक होते हैं। मुंह के कैंसर से ग्रस्त बहुत से लोग अपने दंत चिकित्सक या डॉक्टर के पास बहुत देर से जाते हैं।

क्या ऐसा कोई काम है, जिसे कि मैं घर पर कर सकता हूँ?

आपके मुंह में क्या चल रहा है, इसे लेकर सजग रहें। स्वयं अपना परीक्षण नियमित रूप से करें। तीन हफ्तों के अंदर नहीं भरने वाले छाले, कोई असामान्य लाल या सफेद चकत्ते, आपकी गर्दन या जबड़े वाली जगह में गांठें या निरंतर बनी रहने वाली कर्कशता के कारण आपको अपनी दंत टीम या डॉक्टर से अपना परीक्षण करवाना चाहिए। वास्तव में शायद कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन शीघ्र निदान से आपकी जान बच सकती है।

मुंह की पूर्ण जांच कैसी की जाती है?

एक छोटे से शीशे की मदद से आपके मुंह के अंदर के हिस्से और आपकी जीभ का परीक्षण किया जाएगा। इस परीक्षण के दौरान आपकी गर्दन और आपके जबड़े के नीचे के हिस्से की भी जांच की जाएगी। दंत चिकित्सक दांतों के नियमित परीक्षण के अंग के रूप में इस प्रकार की जांच को संपन्न करेंगे। याद रहे, आपकी दंत टीम आपके मुंह के उन हिस्सों को देख सकती है, जिन्हें कि आप स्वयं आसानी से नहीं देख सकते हैं।

मेरी दंत टीम या डॉक्टर को अगर कोई समस्या दिखाई पड़ती है तो क्या होगा?

अगर उन्हें किसी असामान्य चीज का पता चलता है तो वे आपको अस्पताल में परामर्शदाता के पास भेज देंगे, जो कि आपके मुंह और गले का संपूर्ण परीक्षण करेगा। प्रभावित जगह से कोशिकाओं का एक छोटा सा नमूना (बॉयोप्सी) लिया जा सकता है, और इन कोशिकाओं का यह देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी से परीक्षण किया जाएगा कि खराबी क्या है।

इसके बाद क्या होता है?

कोशिकाएं अगर कैंसरग्रस्त होती हैं तो और अधिक परीक्षण किये जाएंगे। इनमें स्वास्थ्य की समग्र जांचें, खून की जांचें, एक्सरे या स्कैन शामिल हो सकते हैं। इन परीक्षणों से पता चलेगा कि किस प्रकार के उपचार की जरूरत है।

क्या मुंह का कैंसर ठीक हो सकता है?

अगर मुंह के कैंसर का शुरुआती अवस्था में पता लगा लिया जाता है तो इसके पूरी तरह से ठीक होने के आसार काफी होते हैं और जगह या छाला जितना अधिक छोटा होता है, पूरी तरह से ठीक होने के उसके आसार उतने ही अधिक होते हैं। फिर भी, ढेर सारे लोग बहुत अधिक देरी से आगे आते हैं क्योंकि वे मुंह का नियमित रूप से परीक्षण नहीं करवाते हैं।

मैं इस बात को कैसे सुनिश्चित कर सकता हूँ कि मेरा मुंह स्वस्थ बना रहे?

धूम्रपान बंद कर दें और अल्कोहल की मात्रा को कम कर दें।

हर दिन संतुलित और स्वास्थ्य के लिये हितकर खुराक ग्रहण करें, जिसका कम से कम पांचवा हिस्सा फल और सब्जियों से मिलकर बना हो। इससे दूसरे बहुत से कैंसरों से बचने में भी मदद मिल सकती है।

अपनी दंत टीम के पास जितनी बार वे बुलायें नियमित रूप से जाएं।