मुझे अपने बच्चे को दंत चिकित्सक के पास कब ले जाना चाहिए?

इस बात की अनुशंसा की जाती है कि बच्चों को अपने माता-पिता के साथ यथाशीघ्र दंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। इसके बाद आपको उन्हें उतनी बार नियमित रूप से ले जाना चाहिए, जितनी आपकी दंत टीम लाने को कहे। इससे उन्हें आवाजों, गंधों और परिवेश का अभ्यस्त होने में मदद मिलेगी और वे भविष्य की मुलाकातों के लिए तैयार रहेंगे। ये मुलाकातें जितनी जल्दी शुरू होंगी, बच्चे उतना ही अधिक निश्चिंत होंगे।

मेरे बच्चे के दांत कब नजर आने लगेंगे?

पहला (या 'शिशु' या 'दूध') दांत प्रायः उस समय निकलना शुरू होता है जबकि आपका बच्चा तकरीबन 6 माह का होता है। 2 वर्ष की उम्र तक शिशु के सभी 20 दांत निकल आने चाहिए। (कृपया देखें हमारी पुस्तिका 'मुझे मां और बच्चे के लिए दांतों की देखभाल के बारे में बताएं।')

शिशु दांतों के तकरीबन 6 से 7 वर्ष में गिरना शुरू होने से पूर्व पहली स्थायी 'वयस्क' दाढ़ (पिछले दांत) तकरीबन छह वर्षों में दिखने लगेंगे। फिर स्थायी 'वयस्क' दांत 'शिशु' दांत की जगह ले लेंगे। ये प्रायः नीचे के सामने वाले दांत होते हैं जो कि पहले टूटते हैं और इनके शीघ्र बाद ऊपर के सामने वाले दांत टूट जाते हैं। 13 वर्ष की उम्र तक सभी स्थायी दांतों को निकल आना चाहिए, सिवाय 'अक्ल' दाढ़ को छोड़कर। यह 18 से 25 वर्ष की उम्र के बीच कभी भी निकल सकती है।

सभी बच्चे भिन्न होते हैं और भिन्न दरों पर विकसित होते हैं।

मुझे अपने बच्चे के दांतों की किस प्रकार सफाई करनी चाहिए?

अपने बच्चे के दांतों की सफाई करना दैनिक सफाई की उसकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। अपने बच्चे के बगल में खड़ा होना या बैठना शायद आपके लिए आसान हो, इसलिए ऐसा करने के बाद उसकी ठुड्डी को अपने हाथ पर रख लें, जिससे कि आप उसके सबसे ऊपर और सबसे नीचे के दांतों तक ज्यादा आसानी से पहुंच सकें।

  • जब पहला दांत दिखाई देना शुरू करे तो प्लोराइड दंतमंजन के छोटे से कतरे के साथ बच्चों के लिए तैयार किये गये टूथब्रश का उपयोग करने की कोशिश करें।
  • यह जरूरी है कि आप ब्रश करते समय अपने बच्चे पर निगरानी रखें, जब तक कि वे कम से कम सात वर्ष के नहीं हो जाते।
  • एक बार जब सारे दांत नजर आने लगें तो छोटे सिरों और मुलायम रेशों वाले टूथब्रश का छोटे, चक्रीय उतार-चढ़ावों में उपयोग करें और एक समय में एक हिस्से पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
  • दांतों के पीछे और मसूड़ों पर हल्के-हल्के ब्रश करना नहीं भूलें।
  • अगर संभव हो तो, ब्रश करने को दिनचर्या में शामिल करें - बच्चे के सोने जाने से ठीक पहले और दिन के दौरान कम से कम एक बार और।
  • अपने बच्चे को शाबाशी देना नहीं भूलें, क्योंकि प्रशंसा प्रायः बेकार नहीं जाती है!

क्या मुझे फ्लोराइड दंतमंजन का उपयोग करना चाहिए?

आपके दांतों को दंतमंजन, विशिष्ट फ्लोराइड अनुप्रयोगों और संभवतः आपके इलाके के पेयजल समेत कई विभिन्न तरीकों से फ्लोराइड प्राप्त हो सकता है। ये दांतों के क्षरण को रोकने में मदद कर सकते हैं। अगर आप इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि आपको अपने टूथपेस्ट में कितने फ्लोराइड की आवश्यकता है तो अपनी दंत टीम से पूछें। आप दंतमंजन के पैकेट पर फ्लोराइड के स्तर की जांच कर सकते हैं। ब्रश करते समय 7 वर्ष तक के बच्चों की निगरानी की जानी चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे दंतमंजन को कुल्ला नहीं करते बल्कि थूक देते हैं और यह कि वे उसके किसी भी हिस्से को निगलते नहीं हैं। इस तरह से फ्लोराइड मुंह में लंबे समय तक बना रहता है और ज्यादा प्रभावी होगा।

बच्चों को किस किस्म का ब्रश उपयोग करना चाहिए?

चटकीले रंग वाले ब्रशों, कुछ ऐसे ब्रशों जो कि रंग बदलते हैं, कुछ ऐसे ब्रशों जिनके हत्थे पर पसंदीदा पात्र अंकित होते हैं और टाइमर वाले कुछ ब्रशों समेत बच्चों के विभिन्न प्रकार के ब्रश होते हैं। य सभी बच्चों को अपने दांतों को ब्रश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके बच्चे की उम्र के हिसाब से उपयुक्त मुलायम, नायलॉन के बालों वाले छोटे सिरों वाले टूथब्रश का उपयोग किया जाए।

पॉवर ब्रश का उपयोग करने से ब्रश करने को मजेदार बनाने और यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आपका बच्चा पर्याप्त समय तक ब्रश करता है।

मेरे बच्चे के दांत में दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?

दांत-दर्द तकलीफदेह और परेशान कर देने वाला होता है, खासकर बच्चों में, और इसका मुख्य कारण दांतों का क्षय है। ऐसा खुराक में जब-तब बहुत अधिक चीनी लेने के चलते होता है।

दांत निकलना एक और समस्या है। इसकी शुरुआत छह महीने के आसपास शुरू होती है और यह उस समय तक बनी रह सकती है जबकि वयस्क दांत निकलना शुरू होते हैं। अगर आपके बच्चे को दर्द से राहत चाहिए तो सुनिश्चित कर लें कि आप चीनी-रहित दवा का चुनाव करते हैं। अगर दर्द बना रहता है तो मुलाकात का समय प्राप्त करने के लिए अपनी दंत टीम से संपर्क करें। अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से इस बात को सुनिश्चित करना नहीं भूलें कि आपको हर बार चीनी-रहित दवाएं ही नुस्खे पर दी जा रही हैं।

अगर मेरा बच्चा दंत चिकित्सक के पास जाने को लेकर घबराया हुआ है तो मैं क्या करूं?

दांतों के क्षरण का मुख्य कारण खुराक में चीनी या अम्ल की मात्रा नहीं है बल्कि यह है कि आप उसे कितनी बार खाते या पीते हैं। जितनी बार आपका बच्चा अपने आहार में चीनी-युक्त या अम्लीय खाद्य पदार्थों को शामिल करेगा, उसके दांतों के क्षय होने के आसार उतने ही अधिक होंगे। लिहाजा, यह जरूरी हो जाता है कि केवल भोजन के समय ही चीनी-युक्त और अम्लीय खाद्य पदार्थों को लिया जाए। अगर आप अपने बच्चे को नाश्ता कराना चाहते हैं तो पनीर, सब्जियां और फल ही देने की कोशिश करें। मेवे की संख्या को सीमित करने की कोशिश करें क्योंकि इसमें चीनी अधिक होती है और वे दांतों से चिपक सकते हैं।

भोजन के बीच के समय में उन्हें फल के रसों समेत चीनी-युक्त पेय पदार्थ नहीं दें। इसकी बजाय उन्हें पानी या दूध दें। शिशुओं के लिए उनके पेय पदार्थों में या जब आप उन्हें ठोस चीजें खिलाने की आदत डाल रहे हों तो उनके खाने में चीनी नहीं मिलाएं।

यह बात भी याद रखने योग्य है कि कुछ पहले से तैयार शिशु आहारों में चीनी की काफी मात्रा पायी जाती है। घटकों की सूची जांच करने की कोशिश करें। सूची में चीनी की मात्रा जितनी ऊपर लिखी होगी, चीनी उतनी ही अधिक होगी। आमतौर पर, 'ओज' से खत्म होने वाली कोई चीज चीनी होती है, उदाहरण के लिएः फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, लैक्टोज या सुक्रोज। रात में सोते समय और दिन के दौरान कम से कम एक बार फ्लोराइड दंतमंजन से दांतों पर अच्छी तरह से ब्रश करने से दांतों के क्षरण को रोकने में मदद मिलेगी।

मैं अपने बच्चे में दांतों के क्षरण को किस प्रकार रोक सकता हूँ?

बच्चे अपने माता-पिता के भय को भांप सकते हैं, लिहाजा यह जरूरी है कि आपके बच्चे को यह न लगने पाये कि दंत टीम के बारे में चिंता की जानी चाहिए। अगर आपके बच्चे को किसी प्रकार के दंत्य उपचार की जरूरत है तो मददगार होने की कोशिश करें। अगर दंत चिकित्सक के पास जाने को लेकर आपका अपना कोई डर है तो अपने बच्चे को इसके बारे में अपनी बातचीत को नहीं सुनने दें।

दंत टीम के पास नियमित रूप से जाना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे आपके बच्चे को परिवेश और वहां के क्रियाकलापों की आदत लगने में मदद मिलती है। बच्चा अगर पहली बार दंत-चिकित्सक के पास जा रहा है तो वह अधिक घबराया हुआ हो सकता है। दर्द और परेशानी किसी भी समय उत्पन्न हो सकती है और नियमित मुलाकातों के लिए अपने बच्चे को तैयार करना जरूरी है।